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रोजगारशून्य आर्थिक विकास

रोजगारशून्य आर्थिक विकास :राष्ट्रीय आय की वृद्धि का आम लोगों की बेहतरी में न बदलने का एक प्रमुख कारण है कि यह रोजगार रहित वृद्धि है। नए रोजगार कम पैदा हो रहे हैं और पुराने रोजगार तथा आजीविका के पारंपरिक स्त्रोत ज्यादा नष्ट हो रहे हैं। कम्प्यूटर-इंटरनेट के नए रोजगारों की संख्या बहुत सीमित है […]

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हमारे अन्नदाता

1990 के दशक से भारत में किसानों की आत्महत्या के मामले सुर्खियां बटोरते रहे हैं. पहले-पहल महाराष्ट्र में बड़े पैमाने पर किसानों की आत्महत्या की घटनाएं सामने आईं और उसके बाद देश के दूसरे राज्यों में भी किसानों की आत्महत्या देखने को मिलीं. आधिकारिक तौर पर वर्ष 1995 से अब तक 2,70,000 किसानों ने आत्महत्या

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उद्योगपति और सरकार

पहले टाटा-बिरलाकरण होता था , अब अम्बानीअदाणीकरण हो रहा है !!! चुनाव लड़ने के लिए पार्टी फण्ड में पैसा गरीब मजदूर किसान नही देता है , न ही हम और आप देते है । बड़े व्यापारी उद्योगपति ही पार्टियों को करोड़ों रुपये का फंड देते है । उद्योगपति फ्री में पैसा नही देता है, मुफ्त

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शिक्षक परामर्शदाता

 क्या एक शिक्षक परामर्शदाता भी हो सकता है? स्कूल और कॉलेज में आपके बीते दिनों को याद करें और अपने प्रिय शिक्षक के बारे में सोचें।  उनको किस बात ने इतना विशेष बनाया ? कुछ ऐसे है जिन्हे आप उनके आकर्षक तरीके से अध्ययन कराने के तरीके के कारण याद करते हैं, पर कुछ ऐसे

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योग दिवस

योग के प्रवर्तक ऋषि पतंजलि को माना जाता है , जिनका काल ईसा पूर्व दूसरी शताब्दी है । अर्थात यह बताने का प्रयास किया जाता है कि योग के जनक महर्षी पतंजलि थे , पतंजलि से पूर्व योग दर्शन नही था , अथवा उनसे पहले लोग योग नही जानते थे । जबकि पतंजलि से हजारों

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बहुत जरूरी है जनसंख्या नियंत्रण कानून

बहुत जरूरी है जनसंख्या नियंत्रण कानून – अनियंत्रित गति से बढ़ रही जनसंख्या देश के विकास को बाधित करने के साथ ही हमारे आम जन जीवन को भी दिन-प्रतिदिन प्रभावित कर रही है। विकास की कोई भी परियोजना वर्तमान जनसंख्या दर को ध्यान में रखकर बनायी जाती है, लेकिन अचानक जनसंख्या में इजाफा होने के

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भारत मे अनुसंधान का स्तर

भारत मे अनुसंधान का स्तर (level of research in India) :  सन 2005 से 2013 तक हमने पीएचडी थीसिस evaluation का कार्य किया । तब मेरे पास राजस्थान , आंध्रप्रदेश, उत्तरप्रदेश व मध्यप्रदेश आदि के अनेक विश्वविद्यालयो की ph.d. thesis चेक होने के किये आती थी । ये थीसिस इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग तथा मैनेजमेंट विषयो की

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गणतंत्र दिवस पर

गणराज्यों की परंपरा ग्रीस के नगर राज्यों से प्रारंभ नही हुई थी, बल्कि इनसे हजारों वर्ष पहले भारतवर्ष में अनेक गणराज्य स्थापित हो चुके थे। उनकी शासन व्यवस्था अत्यंत दृढ़ थी और जनता सुखी थी। गण शब्द का अर्थ संख्या या समूह से है। गणराज्य या गणतंत्र का शाब्दिक अर्थ संख्या अर्थात बहुसंख्यक का शासन

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श्रमिकों के लिए गांधी जी बोले थे

गाँधी जी ने कहा था —  ** मैं श्रम अथवा काम के विभाजन में विश्वास करता हूँ। लेकिन मैं मजदूरी की बराबरी पर ज़ोर देता हूँ। वक़ील, डॉक्टर या अध्यापक को भंगी की अपेक्षा ज़्यादा पैसा लेने का हक़ नहीं है। जब यह होगा तब श्रम के विभाजन से राष्ट्र अथवा विश्व का उत्थान होगा।

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मजदूर दिवस पर

दिनाँक 1 मई, 1886 को पूरे अमेरिका के 11 हज़ार कारख़ानों के लगभग साढ़े तीन लाख श्रमिकों ने हड़ताल कर दी थी । इस हड़ताल का मुख्य केन्द्र शिकागो शहर था। उनकी माँग थी कि काम के घण्टे को अट्ठारह से घटाकर आठ घण्टे किया जाये और वह भी मज़दूरी में बिना किसी कटौती के।

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