ज़िंदगी बहुत छोटी है कि किसी से द्वेष रखा जाए
ज़िंदगी बहुत छोटी है कि किसी से द्वेष रखा जाए यह जुलाई 2005 की उमस भरी शाम थी, जब मैं एक जानलेवा दुर्घटना का शिकार हुआ। मेरी मारुति कार को गलत दिशा से तेज़ रफ़्तार में आ रही एक कार और एक बस ने टक्कर मार दी। गाड़ी को देखकर कोई नहीं कह सकता था […]
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