NTPC के रामाराव साहब

NTPC के रामाराव साहब 
NTPC विंध्याचल में AGM थे रामाराव साहब , विशाल आध्यात्मिक व्यक्तिव वाले। कॉलोनी में उनका घर था , जिसमे प्रवेश करते ही ऐसा लगता था जैसे मंदिर में आ गए हो । हर कमरा एक भव्य मंदिर । रामाराव साहब सत्यसाई बाबा के परम भक्त थे और विभिन्न सेवा कार्यो में लगे रहते थे । उन दिनों मैं बैढन के 132 केवी उपकेंद्र में पदस्थ था और विभिन्न कार्यो से मुझे विंध्याचल पावर स्टेशन जाना पड़ता था । इस वजह से रामाराव साहब से पहचान हुई । वे अक्सर मुझे अपने सेवा कार्यो में आने को बोलते थे और मैं कन्नी काट जाता था ।
 उन दिनों मुझे मोरवा अमरकंटक ई एच टी लाइन के टावर 446 का कार्य करने के लिए दुर्गम इलाके में जाना पड़ता था । यह स्थान एक आदिवासी इलाका था और सोनभद्र जिले से लगा हुआ था । लगभग 25 साल पहले यहां की दशा बहुत खराब थी । इन गांवों में कोई बीमार पड़ जाए तो 25 किमी तक कोई अस्पताल या स्वास्थ सेवा उपलब्ध नही थी । बीमार को खटिया में लिटाकर ग्रामीण 25 किमी पैदल ले जाते थे । 
एक बार रामाराव साहब से मैने इस बारे में चर्चा की तो बोले आप वहां एक निशुल्क अस्पताल खोल दीजिये । मैने पूछा कि मैं यह कैसे कर सकता हूँ ? तो उन्होंने कहा कि आप संकल्प ले लीजिए बाकी सब व्यवस्था  ईश्वर कर देगा । सबसे पहले नजदीक के किसी कस्बे में कोई खाली मकान देखिए जिसमे अस्पताल चलाया जा सकता हो । 
हमने काफी तलाश किया तो मिश्रा जी का टीन शेड वाला खाली घर मिल गया । हमने उनको अपनी योजना बताई और पूछा कितना किराया लेंगे तो वे बोले आप इन आदिवासियों के लिए  नेक काम कर रहे हैं इसलिए सिर्फ 1 रुपया प्रति माह । 
फिर अन्य लोगो के सहयोग से हमें बेड, स्ट्रेचर, कुर्सियां टेबल मिली , रामाराव साहब के सहयोग से NTPC हॉस्पिटल के डॉक्टर वहां जा कर सप्ताह में एक दिन निःशुल्क सेवा देते । दवाइया भी आ गयी । कुछ वर्ष बाद हमारे प्रयासों से और लायंस क्लब , रोटरी क्लब आदि के सहयोग से वहां एक्स रे मशीन और पैथोलॉजी भी हो गयी । 
रामाराव साहब की प्रेरणा से इस प्रकार शुरुआत हुई “मानस सेवा चिकित्सालय”  की,  जो आज भी चल रहा है ।

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