आदरणीय अब्बास अली का जन्म 1920 में उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में हुआ । स्कूली जीवन से भगत सिंह , चंद्रशेखर आजाद के विचारों से प्रभावित होकर आप नौजवान भारत सभा मे शामिल हो गए । अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में अध्ययन करते हुए आपने कुँवर मोहम्मद अशरफ के साथ ब्रिटिश राज विरोधी छात्र आंदोलनों में हिस्सा लिया । आप लगभग 50 बार जेल गए । द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान आप सेना में चले गए । नेताजी सुभाष चंद्र बोस के आव्हान पर 1945 में आपने ब्रिटिश सेना छोड़ कर आजाद हिंद फौज जॉइन कर ली । अरकान और रंगून की लड़ाई में आपने बहुत बहादुरी का परिचय दिया , आपको आजाद हिंद फौज में कैप्टन का पद मिला । कोहिमा की लड़ाई में आप अंग्रेजो द्वारा पकड़ लिए गए । आपका कोर्ट मार्शल हुआ और आप को आजीवन कारावास की सजा मिली ।
1947 में देश आजाद होने पर कैप्टन अब्बास अली को जेल से रिहा कर दिया गया , किंतु विश्वयुद्ध अपराधी होने के कारण उनको कोई सरकारी सहायता नही मिली ।
1948 में आपने सोशलिस्ट पार्टी जॉइन की और आचार्य नरेंद्र देव, राम मनोहर लोहिया आदि के साथ रहे ।
1975 में इमरजेंसी का विरोध करने के कारण इंदिरा गांधी सरकार द्वारा आपको जेल भेज दिया गया । आप 19 माह जेल में रहे ।
2014 में अलीगढ़ में बीमारी से आपका निधन हुआ ।
महान देशभक्त भूमिपुत्र अन्यायविरोधी सच्चे सिपाही अब्बास अली जी को शत शत नमन 🙏🙏🙏
अब्बास अली जी ने अपनी प्रेरक आत्मकथा “न रहूं किसी का दस्तनिगर” लिखी है , जिसे सभी को पढ़ना चाहिए । पुस्तक का लिंक दिया है –
Na Rahoon Kisi Ka Dastnigar https://amzn.eu/d/1z5WMOt
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indian history in hindi, भारतीय इतिहास
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