कोलंबस की भारत खोज के पीछे असली मकसद क्या था ?
हमे यही बताया गया कि नाविक क्रिस्टोफर कोलंबस भारत खोजने निकला था .
भारत की समृद्धि के किस्से तब दूर-दूर तक पसरे हुए थे. यहां के मसालों का यश दुनियाभर में फैला था. भारत में मौजूद सोने की भी बड़ी चर्चा थी. कोलंबस को भारत पहुंचने का समुद्री मार्ग खोजना था.
स्पेन के राजा फर्डिनेंड और रानी इसाबेला कोलंबस की यात्रा को स्पॉन्सर करने के लिए राजी हो गए. उन्हें लगा कि अगर कोलंबस ने ऐसा कर दिखाया, तो एशिया के साथ मसालों के कारोबार का नया मार्ग शुरू हो जाएगा. ये उपनिवेशवाद का दौर था. दुनिया के ये चंद यूरोपियन देश अपने पांव पसारना चाहते थे. नए बाजारों के लिए. कच्चे माल के लिए. अपने फायदे के लिए. हर देश अपने लिए कारोबार के नए मार्ग खोलना चाहता था. किंग और क्वीन ने कोलंबस से वादा किया. अगर कोई नई जगह मिलती है, तो उन्हें वहां का गर्वनर बना देंगे. जो भी दौलत वो स्पेन लाएंगे, उसका 10 फीसद हिस्सा भी उन्हें दे दिया जाएगा.
उपरोक्त हमे इतिहास की किताबो में पढ़ाया गया है . लेकिन कोलम्बस की भारत यात्रा की असलियत कुछ और है , जो हमे उसकी लिखी डायरी से मिलती है । पोस्ट के साथ संलग्न है । कोलम्बस का प्रथम और वास्तविक उद्देश्य भारत को ईसाई देश बनाना और यहां के निवासियों को ईसाई धर्म मे कन्वर्ट करना था ।
क्या कारण है कि कोलंबस , वास्कोडिगामा , कैप्टन कुक जैसे लोगो की यात्राओं के असली मकसद इतिहास की किताब में छुपाए गए ?
स्त्रोत : the world is flat by thomas L. Friedman , page 3 .
indian history in hindi, भारतीय इतिहास
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