क्रांतिकारी बालिका मैनावती

1857 के भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सेनानायक नाना साहिब की सुपुत्री मैनावती की करुण कथा को इतिहासकारों ने गायब कर दिया है , नानासाहब को न दूंढ पाने से क्रोधित पिशाचमूर्ति अंग्रेज़ों ने भीड़ के सामने खम्भे से बाँधकर जीवित जला दिया था। 
इस घटना के अगले दिन यह हृदयविदारक घटना ‘बाखर’ में प्रकाशित हुई थी जिसमें लिखा था— “कल कानपुर के किले में एक भीषण हत्याकाण्ड हो गया। नाना साहिब की एकमात्र कन्या मैना को अंग्रेजों ने धधकती हुई आग में जलाकर भस्म कर दिया गया। भीषण अग्नि में शान्त और सरल मूर्ति सदृश्य अनुपम बालिका को जलती देखकर सबने उसे देवी समझकर प्रणाम किया।”
वीरांगना मैनावती को नमन

indian history in hindi, भारतीय इतिहास , mainawati , freedom fighter

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