चेतना और क्वांटम यांत्रिकी

डॉ. स्टुअर्ट हैमरॉफ (Stuart Hameroff) और सर रोजर पेनरोस (Roger Penrose) ने चेतना को समझाने के लिए ऑर्केस्ट्रेटेड ऑब्जेक्टिव रिडक्शन (Orchestrated Objective Reduction – Orch-OR) सिद्धांत प्रस्तुत किया। यह सिद्धांत मानता है कि चेतना केवल मस्तिष्क की न्यूरोकेमिकल गतिविधियों का परिणाम नहीं है, बल्कि इसका संबंध क्वांटम यांत्रिकी (Quantum Mechanics) से भी है।
Orch-OR सिद्धांत का सार:
1. सूक्ष्म ट्यूब्यूल्स (Microtubules)
मस्तिष्क की कोशिकाओं (Neuron Cells) के भीतर माइक्रोट्यूब्यूल्स नामक प्रोटीन संरचनाएं होती हैं।
ये माइक्रोट्यूब्यूल्स केवल संरचनात्मक भूमिका नहीं निभाते, बल्कि सूचना प्रसंस्करण और भंडारण में भी महत्वपूर्ण हो सकते हैं।
2. क्वांटम सुपरपोजिशन
माइक्रोट्यूब्यूल्स के भीतर क्वांटम सुपरपोजिशन (Quantum Superposition) की अवस्था उत्पन्न होती है, जहां एक कण एक ही समय में दो या अधिक अवस्थाओं में हो सकता है।
यह चेतना के जटिल अनुभवों को उत्पन्न कर सकता है।
3. ऑब्जेक्टिव रिडक्शन (Objective Reduction)
जब ये क्वांटम अवस्थाएं टूटती हैं (Collapse होती हैं), तो चेतना का एक नया क्षण (Moment of Awareness) उत्पन्न होता है।
पेनरोस के अनुसार, यह प्रक्रिया ब्रह्मांड के मूलभूत नियमों से जुड़ी है।
4. क्वांटम ग्रैविटी का योगदान
पेनरोस ने तर्क दिया कि माइक्रोट्यूब्यूल्स में होने वाली क्वांटम गतिविधियां ब्रह्मांडीय चेतना (Cosmic Consciousness) से जुड़ी हो सकती हैं।
इस सिद्धांत का महत्व:
यह सुझाव देता है कि चेतना महज जैविक या न्यूरोकेमिकल प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह ब्रह्मांडीय क्वांटम प्रक्रियाओं से भी जुड़ी हो सकती है।
यह विज्ञान और अध्यात्म के बीच एक सेतु का कार्य करता है ।

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