“भारत” शब्द का एक आध्यात्मिक और गूढ़ अर्थ “प्रकाश में रत” या “ज्ञान में लीन” भी है। इस व्याख्या के अनुसार “भा” का अर्थ “प्रकाश” या “ज्ञान” और “रत” का अर्थ “लगा हुआ” या “लीन” होता है।
इस प्रकार, “भारत” का अर्थ होता है वह देश या भूमि जहाँ लोग ज्ञान, प्रकाश और सत्य की खोज में रत रहते हैं। यह दृष्टिकोण भारत के उस सांस्कृतिक और आध्यात्मिक स्वरूप को दर्शाता है, जहाँ सदियों से ऋषि-मुनि, संत और दार्शनिक ज्ञान प्राप्त करने और मानवता के कल्याण के लिए साधना करते रहे हैं।
इस अर्थ में, भारत केवल एक देश नहीं है, बल्कि ज्ञान और प्रकाश की भूमि का प्रतीक है, जहाँ लोगों का जीवन सत्य, धर्म और आध्यात्मिक उन्नति के आदर्शों पर आधारित है।
भारतीय परंपरा में दीपक को ज्ञान, प्रकाश, और आशा का प्रतीक माना गया है। इसे अज्ञानता से ज्ञान की ओर, अंधकार से प्रकाश की ओर और नकारात्मकता से सकारात्मकता की ओर जाने का प्रतीक माना जाता है।
दीपक जलाने के प्रमुख आध्यात्मिक अर्थ निम्नलिखित हैं:
1. ज्ञान और बुद्धि का प्रतीक: दीपक का प्रकाश अज्ञानता के अंधकार को दूर करता है। यह हमारे मन और हृदय में ज्ञान और विवेक की ज्योति जलाने का संकेत देता है।
2. सकारात्मकता और शांति का प्रतीक: दीप जलाने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और नकारात्मक विचार एवं भावनाओं का नाश होता है। यह मन में शांति और समर्पण का भाव उत्पन्न करता है।
3. आत्मा का प्रतीक: दीपक की लौ आत्मा का प्रतीक मानी जाती है। जैसे दीपक जलता रहता है, वैसे ही आत्मा भी जीवन के विभिन्न उतार-चढ़ावों के बीच सजीव रहती है और प्रकाश फैलाती है।
4. दिव्यता और आस्था: दीपक में घी या तेल का उपयोग हमारी आस्था और समर्पण का प्रतीक है, जो जलते हुए अर्पण को दिखाता है। यह जीवन में ईश्वर और धर्म के प्रति आस्था को और प्रगाढ़ करता है।
5. समाज और समर्पण का प्रतीक: दीप जलाने की परंपरा से यह शिक्षा मिलती है कि हमें अपने आसपास के लोगों के जीवन में प्रकाश फैलाना चाहिए।
त्योहारों और धार्मिक अनुष्ठानों में दीप जलाना अज्ञानता से ज्ञान की ओर, निराशा से आशा की ओर और नकारात्मकता से सकारात्मकता की ओर एक आध्यात्मिक यात्रा को प्रदर्शित करता है।
आप सभी को दीपावली की शुभकामनाएं