वैज्ञानिक जानकी अम्माल , जिन्हें देश ने भुला दिया

महिला वैज्ञानिक जानकी अम्माल , जिन्हें देश ने भुला दिया 
विश्व की प्रथम महिला जिन्होंने बॉटनी में D.Sc. किया । 
डॉ जानकी का जन्म केरल के त्रिसूर में 1897 को हुआ । आपने क्वीन मैरी कालेज से बीएससी, मद्रास प्रेसिडेंसी कालेज से एमएससी की । फिर स्कॉलरशिप प्राप्त कर अमेरिका गयी वहां क्रोमोसोम और हाइब्रिड बैगन पर शोध कार्य में पीएचडी की । इस बैगन को janaki brinjal कहा जाता है । आपके द्वारा खोजे गए कुछ प्लांट स्पीशीज को आपके नाम से जाना जाता है जैसे  Sonerila janakiana एवं Dravidogecko janakiae 
1932 से 1934 तक महाराजा कालेज त्रिवेंद्रम में प्रोफेसर रही फिर जॉन इंन्स इंस्टिट्यूट लंदन रिसर्च करने चली गयी । वहाँ पर प्रोफेसर Darlington के साथ 1940 से 1945 तक आपने 10000 पौधों की cytogenetics पर अनुसंधान किया । रॉयल हॉर्टिकल्चर सोसाइटी लंदन ने आपके सम्मान में एक गुलाब के फूल की किस्म   का नाम  janaki ammal रखा । अमेरिका के मिशिगन विश्विद्यालय ने आपको D.Sc. प्रदान की ।
भारत आने पर आप सेंट्रल बॉटनीकल लैबोरेटरी इलाहाबाद में निर्देशक बनी किंतु रिसर्च में नौकरशाही के अनावश्यक दखलअन्दाजी के कारण स्तीफा दे दिया । 
1956 में आपको भारत सरकार ने sugarcane breeding इंस्टिट्यूट कोयंबटूर का डायरेक्टर बनाया । किंतु रिसर्च में लालफीताशाही व नौकरशाही के दखल के कारण आपने फिर स्तीफा दे दिया । 
1977 में आपको पद्मश्री सम्मान मिला । 1984 में आपका स्वर्गवास हुआ ।
विश्व मे आपको प्लांट साइटोजेनेटिक्स का प्रवर्तक माना जाता है ।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Review Your Cart
0
Add Coupon Code
Subtotal

 
Scroll to Top