5000 साल पुरानी कुकिंग की किताब :
राजा नल द्वारा लिखित ‘पाक दर्पण’
राजा नल , जिनका जिक्र महाभारत में आता है , जिनकी नल दमयंती प्रेम कथा बड़ी प्रसिद्ध है ।
बहुत कम लोगो को मालूम है कि राजा नल बहुत अच्छे शेफ भी थे । उन्होंने खाना बनाने के बारे में एक किताब भी लिखी – पाक दर्पण
यह पुस्तक राजा नल और एक अन्य राजा ऋतुपर्ण के संवाद के रूप में है , जिसमे राजा नल उनको सैकड़ो तरह की डिशेज बनाने के तरीके बताते हैं ।
इसमें थोड़ा गणित भी है । 6 मूल स्वादों के पर्म्युटेशन कॉम्बिनेशन से कुल 63 तरह के स्वाद या रस भोजन में प्रकट होते हैं इसको समझाया गया है ।
मुख्य व्यंजनों में वे डिशेस है जिनको आज हम मुगलई के नाम से जानते हैं तथा भ्रमवश जिनका मूल तुर्क या ईरान बताया जाता है ।
इस पुस्तक में अनेक प्रकार के कबाब, सीख, बिरयानी , दोप्याजय, कीमा , नान, राजला आदि के बनाने की विधि दी गयी है ।
पुस्तक में सभी खाने के गुण दोष बताए गए है और किस मौसम में कौन सी डिश खानी चाहिए । चाट कर खाने वाले व चूस कर खाने वाले व्यंजनों का अलग अलग अध्याय है । एक पूरा चैप्टर पीने योग्य पानी पर है।
भारत मे राजा महाराजाओं द्वारा पाक शास्त्र की किताबो को लिखने की परंपरा 5000 वर्ष पूर्व से 1500 AD तक चलती रही । मौर्य काल व गुप्त काल मे रचित अनेक कुकिंग की किताबें आज भी उपलब्ध है । मध्यकाल में महाराज सोमेश्वर द्वारा लिखित मानसोल्लास तथा मंगरस द्वारा लिखित सूप शास्त्र भी उल्लेखनीय है ।
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