समय के पृष्ठ पर भविष्य का आलेख है- नववर्ष। इसलिए हमें संकल्प की स्याही और कर्म की कलम से समय के पृष्ठ पर सृजन की इबारत लिखना चाहिये। मुंह से निकली हुई बात और हाथ से निकला हुआ समय वापस नहीं आता। अत: उक्ति और युक्ति समय के तराजू पर संतुलित होना चाहिये। वास्तविकता तो यह है कि आंख में भविष्यरुपी सपना होता है। इसलिये आवश्यक है कि हम नववर्ष के संदर्भ में उज्जवल भविष्य के सपने तो देखें लेकिन उन सपनों को साकार करने के लिये दृढ़संकल्प के साथ सतत पुरुषार्थ भी करे।
नववर्ष में हम दृढ़ संकल्प के साथ सत्कर्म करें। अपने पुरुषार्थ से प्रकृति और पर्यावरण की पवित्रता को बनाए रखने का समर्पित भावना से प्राणवृत अभियान चलाएं। सुदृढ़ संकल्प, सकारात्मक सोच और सतत सत्कर्म के साथ समय का सदुपयोग करने वाला अपना अभिष्ट प्राप्त कर लेता है। हम यह संकल्प करें कि अमुक विकार छोड़ने के लिये निरंतर प्रयास करेंगे तो हमें सफलता अवश्य मिलेगी शर्त यह है कि पुरुषार्थ की पूंजी, धैर्य का धम और संस्कारों की संपदा हमारे पास हो। नववर्ष में विकारों का विसर्जन और संस्कारों का सृजन होना चाहिये। सृजन का सपवना देखिये, पुरुषार्थ का संकल्प लीजिए, नववर्ष का स्वागत कीजिए।’
आशावादी बने, यह आत्मा का ईंधन है, सकारात्मक सोचे घातक है नकरात्मक सोच। अपने आदर्शों को नहीं त्यागे वे कभी पुराने होते। प्रेम ले, प्रेम दे- इससे अच्छा शब्द तो दुनिया में और नहीं।
नया वर्ष, नयी उमंग, नव उत्साह, नव उल्लास, नये संकल्प, नयी उम्मीद, नयी स्वप्न, लेकर आता है। आज नववर्ष की बेला पर एक-दूसरे को बधाई दे रहे हैं, अभिनंदन कर रहे हैं। शुभ संदेशों का आदान-प्रदान कर रहे हैं- नववर्ष शुभ हो।
नववर्ष की मंगलमय घड़ियों में हम आत्मचिंतन करे, आत्म विश्लेषण करे, अपने जीवन का मूल्यांकन करे। जीवन का अर्थ मात्र जीना, मौज-मस्ती, खाना-पीना ही नहीं है अपितु जीवन का अर्थ है उसे किस तरीके से जीया जा रहा है। आपकी जीवन शैली कैसे है? आपका स्वयं का पारिवारिक जीवन, सामाजिक जीवन कैसा है? आप कितने लोकप्रिय है, आपके सामाजिक संबंध कैसे है। नववर्ष सभी को निरोग, दीर्घायु व स्वस्थ रखे, इसके लिये हम सबको चाहिये कि अपने जीवन में कोई भी व्यसन, बुराई या गलत आदत है तो उसे छोड़े तथा किसी भी अच्छे कार्य का शुभारम्भ करे। बड़ों को पूरा सम्मान दे तथा छोटों को असीम प्यार बांटे, कभी किसी के लिये बुरा न सोचे, किसी को दु:ख क्लेष, पीड़ा नहीं पहुंचाये।