Forgotten Heroes

कोमाराम भीम

कोमाराम भीम  कोमाराम भीम एक महान भारतीय आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी थे।  जिन्होंने अपने जीवन काल में हैदराबाद शहर को मुक्त करने के लिए असफजली निज़ाम राजवंश के खिलाफ अपनी लड़ाई लड़ी। महापुरुष भीम का जन्म तेलंगाना राज्य के जोदेघाट जिले में अलिदाबाद के जंगलो में स्थित गोंडा आदिवासी समुदाय में 22 अक्टूबर 1901 को हुआ […]

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क्रांतिकारी मर्दन सिंह बुंदेला

क्रांतिकारी मर्दन सिंह बुंदेला  22 जुलाई : आज इनकी पुण्यतिथि है  ललितपुर रियासत के महाराज मर्दन सिंह बुंदेला ने अंग्रेजों की दासता स्वीकार नही की । वे अपनी जन्मभूमि की स्वतंत्रता के लिए अंग्रेजो से संघर्ष करते रहे । 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में उन्होंने झांसी की रानी , तात्याटोपे व नाना साहब का साथ

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स्वतंत्रता सेनानी सिद्धू मुर्मू और कान्हू मुर्मू

महान स्वतंत्रता सेनानी सिद्धू मुर्मू और कान्हू मुर्मू ने आज के दिन ही 1855 में  अंग्रेजो के खिलाफ प्रथम स्वतंत्रता आन्दोलन किया ; 30 जून 1855 को वर्तमान झारखण्ड राज्य के साहेबगंज जिले के भगनाडीह गांव से प्रारंभ हुए इस विद्रोह के मौके पर सिद्धू ने घोषणा की थी-‘करो या मरो’, ‘अंग्रेजो हमारी माटी छोड़ो’।

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क्रांतिकारी बालिका मैनावती

1857 के भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सेनानायक नाना साहिब की सुपुत्री मैनावती की करुण कथा को इतिहासकारों ने गायब कर दिया है , नानासाहब को न दूंढ पाने से क्रोधित पिशाचमूर्ति अंग्रेज़ों ने भीड़ के सामने खम्भे से बाँधकर जीवित जला दिया था।  इस घटना के अगले दिन यह हृदयविदारक घटना ‘बाखर’ में प्रकाशित हुई

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क्रांतिवीर संगोली रायण्णा

क्रांतिवीर संगोली रायण्णा तारीखों का संयोग देखिए – जन्म 15 अगस्त 1798 फांसी 26 जनवरी 1831 वनवासी समाज के वीर रायण्णा कित्तूर की रानी चेन्नमा के सेनापति थे । अंग्रेजों को देश से निकालने के लिए ईस्ट इंडिया कम्पनी के विरूद्ध कर्नाटक में 1824 में वनवासियों की सेना बना कर गुरिल्ला युद्ध प्रारंभ किया ।

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85 वर्षीय छात्र डॉ अमलधारी सिंह

10 हजार साल पुराने विलुप्त प्राचीन श्लोकों की खोज के लिए BHU के 85 वर्षीय छात्र डॉ अमलधारी सिंह को डी.लिट उपाधि । उन्हें दीक्षांत समारोह में आधिकारिक तौर पर विश्विद्यालय द्वारा सम्मानित किया गया. उन्होंने ऋग्वेद की सबसे पुरानी और गुमनाम शाखा शांखायन की खोज की है. उन्होंने बताया कि इस विलुप्त शाखा में

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महारानी नागनिका

महारानी नागनिका : किसी भी स्टूडेंट से प्रश्न पूछो कि भारत की प्रथम महिला शासक कौन थी ? सबका एक ही उत्तर मिलेगा- रज़िया सुल्ताना (1236 AD) यह एक नमूना है ‘रोमिला-हबीबी’ फर्जी इतिहास लेखन का  जबकि हमारे देश मे रज़िया सुल्ताना से भी पहले अनेक महिला शासकों की महान परंपरा रही है , भले

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श्रीनिवास रामानुजम

महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजम  जिनकी आज जयंती है – वह जब कक्षा 3 मे पढ़ते थे, तो एक दिन जब अध्यापक समझा रहे थे कि किसी संख्या को उसी से भाग देने पर भागफल 1 होता है, तो रामानुजम् ने उसी समय पूछा, “क्या यह नियम शून्य के लिए भी लागू होता है ? ———————————————————

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साहिबजादों की शहादत

तेग साचो, देग साचो, सूरमा सरन साचो,  साचो पातिसाहु गुरु गोबिंद सिंह कहायो है। माता गुजरी तथा साहिबजादों  अजित सिंह, जुझार सिंह, जोरावर सिंह, फ़तेह सिंह के शहादत का सप्ताह है दिसंबर का आखिरी सप्ताह । चमकौर के भयानक युद्ध में गुरुजी के दो बड़े साहिबजादे सवा लाख मुगल फौज को धूल चटाते हुए शहीद

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राणा कुम्भा की जयंती पर

राणा कुम्भा की जयंती पर : 28 दिसम्बर 2021 राणा कुम्भा का असली नाम कुम्भकरण था  राणा कुम्भा ने 84 (अब उपलब्ध 32) विशाल किले बनवाये , कुम्भलगढ़ के किले की दीवार चीन की दीवार के समकक्ष है l इनमे से अनेक किले दिल्ली और आगरा के लाल किले से भी विशाल हैं।  इसके अतिरिक्त

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