परिश्रम
श्रम में ‘परि’ उपसर्ग लगाकर परिश्रम हो गया। मेहनत कैसी भी क्यों न हो, मेहनत तो मेहनत है। पता नहीं किसने, क्यों और कैसे मानसिक और शारीरिक श्रम में भेद पैदा कर दिया? श्रम तो दोनों में लगता है, लेकिन मानसिक श्रम को शारीरिक श्रम से ऊंचा और सम्मानजनक सामाजिक पहचान मिल गई। आज हर […]