Ashok Tiwari

साहिबजादों की शहादत

तेग साचो, देग साचो, सूरमा सरन साचो,  साचो पातिसाहु गुरु गोबिंद सिंह कहायो है। माता गुजरी तथा साहिबजादों  अजित सिंह, जुझार सिंह, जोरावर सिंह, फ़तेह सिंह के शहादत का सप्ताह है दिसंबर का आखिरी सप्ताह । चमकौर के भयानक युद्ध में गुरुजी के दो बड़े साहिबजादे सवा लाख मुगल फौज को धूल चटाते हुए शहीद […]

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राणा कुम्भा की जयंती पर

राणा कुम्भा की जयंती पर : 28 दिसम्बर 2021 राणा कुम्भा का असली नाम कुम्भकरण था  राणा कुम्भा ने 84 (अब उपलब्ध 32) विशाल किले बनवाये , कुम्भलगढ़ के किले की दीवार चीन की दीवार के समकक्ष है l इनमे से अनेक किले दिल्ली और आगरा के लाल किले से भी विशाल हैं।  इसके अतिरिक्त

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नववर्ष पर

समय के पृष्ठ पर भविष्य का आलेख है- नववर्ष। इसलिए हमें संकल्प की स्याही और कर्म की कलम से समय के पृष्ठ पर सृजन की इबारत लिखना चाहिये। मुंह से निकली हुई बात और हाथ से निकला हुआ समय वापस नहीं आता। अत: उक्ति और युक्ति समय के तराजू पर संतुलित होना चाहिये। वास्तविकता तो

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गणतंत्र दिवस पर

गणराज्यों की परंपरा ग्रीस के नगर राज्यों से प्रारंभ नही हुई थी, बल्कि इनसे हजारों वर्ष पहले भारतवर्ष में अनेक गणराज्य स्थापित हो चुके थे। उनकी शासन व्यवस्था अत्यंत दृढ़ थी और जनता सुखी थी। गण शब्द का अर्थ संख्या या समूह से है। गणराज्य या गणतंत्र का शाब्दिक अर्थ संख्या अर्थात बहुसंख्यक का शासन

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5000 साल पुरानी कुकिंग की किताब

5000 साल पुरानी कुकिंग की किताब :  राजा नल द्वारा लिखित ‘पाक दर्पण’ राजा नल , जिनका जिक्र महाभारत में आता है , जिनकी नल दमयंती प्रेम कथा बड़ी प्रसिद्ध है ।  बहुत कम लोगो को मालूम है कि राजा नल बहुत अच्छे शेफ भी थे । उन्होंने खाना बनाने के बारे में एक किताब

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संत रविदास

संत रविदास ऐसे महान संतों में थे जिन्होंने कर्म को ही पूजा मानकर ईश्वर को पाने का रास्ता बताया। गुरु रविदास ने काम, क्रोध, लोभ, अहंकार और ईष्र्या को मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु माना है- काम क्रोध माइआ मद मतसर/ इन पंचहु मिलि लूटे/ इन पंचन मेरो मनु जु बिगारिओ। अर्थात ये पांचों शत्रु

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सहज बनिये, सरल बनिये

यदि आप सरल हैं, सहज हैं, आनंद से भरे हैं तो यह गुण संभाल कर रखिए। और जिनको ऐसे सम्बन्धी, सहकर्मी या मित्र मिले हैं उन्हें सहेज कर रखिए। आप नहीं जानते कि आपके लिए जाने-अनजाने यह अमृत कलश के समान हैं जो तमाम कटुता और दुःख के प्रभाव को मिटाकर आपको प्रेम और शांति 

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शिवरात्रि पर -2

सम्पूर्ण सृष्टि शिव का नृत्य है, सारी सृष्टि चेतना सिर्फ एक चेतना। उस एक बीज, एक चेतना के नृत्य से  सारे विश्व में लाखो हजारों प्रजातियाँ प्रकट हुई हैं| इसलिए यह असीमित सृष्टि शिव का नृत्य है – “शिव तांडव”; वह चेतना जो परमानन्द, मासूम, सर्वव्यापी है और वैराग्य प्रदान करती है, वह शिव है|

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शिवरात्रि पर -1

शिवरात्रि ही क्यों? शिव दिन क्यों नहीं ? रात्रि का अर्थ वह जो आपको अपनी गोद में लेकर सुख और विश्राम प्रदान करे | रात्रि हर बार सुखदायक होती है, सभी गतिविधियां ठहर जाती हैं, सब कुछ स्थिर और शांतिपूर्ण हो जाता है, पर्यावरण शांत हो जाता है, शरीर थकान के कारण निद्रा में चला

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क्षत्रपति शिवाजी महाराज

क्षत्रपति शिवाजी महाराज ने भारत की प्राचीन राज्यव्यवस्था का और राजधर्म का बड़ी गहराई से अवलोकन किया था । उन्होंने अपने यौवन का सदुपयोग जहां बड़ी बड़ी जीतों को प्राप्त करने में किया , वहीं उन्होंने भारतीय राजधर्म की शिक्षा लेने के लिए भी अपना मूल्यवान समय लगाया । यही कारण रहा कि वह भारत

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