पाई
आपस्तम्भ सूत्र , जिसका रचना काल 150 BCE माना जाता है , में एक श्लोक है – गोपीभाग्यम ध्रुवात श्रंगिशोदधिसंधिग् खलजीवित खाताब गलहालारसंधर इन पंक्तियों में कृष्ण और शंकर की स्तुति की गयी है पर वैदिक गणित के अनुसार यह कूट भाषा में पाई PI का मान है और यह मान दशमलव के बत्तीसवे स्थान […]