Ashok Tiwari

तत्त्वार्थ सूत्र

तत्त्वार्थ सूत्र  जैन धर्म का एक अत्यंत महत्वपूर्ण और प्राचीन ग्रंथ है, जिसे आचार्य उमास्वामी (या उमास्वाति) ने संस्कृत में रचा था। यह ग्रंथ जैन दर्शन का पहला व्यवस्थित सूत्ररूप ग्रंथ है, जो दोनों जैन संप्रदायों—दिगंबर और श्वेतांबर—द्वारा मान्य है। इसमें मोक्ष मार्ग, आत्मा, कर्म, ज्ञान, आचरण आदि विषयों पर गूढ़ किंतु संक्षिप्त सूत्रों में […]

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महावीर स्वामी का दर्शन

महावीर स्वामी का दर्शन: अन्य जैन तीर्थंकरों से भिन्नता महावीर स्वामी जैन धर्म के 24वें तथा अंतिम तीर्थंकर थे। यद्यपि जैन धर्म की मूल शिक्षाएँ आदि तीर्थंकरों द्वारा दी गई थीं, परंतु महावीर स्वामी ने उन सिद्धांतों को एक नई दिशा और स्पष्टता प्रदान की। उन्होंने न केवल जैन दर्शन को व्यवस्थित रूप में प्रस्तुत

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ऋषी

आज ऋषि पंचमी है कश्यपोत्रिर्भरद्वाजो विश्वामित्रोथ गौतमः। जमदग्निर्वसिष्ठश्च सप्तैते ऋषयः स्मृताः॥ भारतीय दर्शन में वेद को प्रमाण इसलिए माना है कि वेद में सत्य का साक्षात दर्शन अंतर्ज्ञान के द्वारा माना गया हैं। अंतर्ज्ञान का स्थान तार्किक ज्ञान से ऊँचा है। यह इन्द्रियों से होने वाले प्रत्येक ज्ञान से भिन्न है। इस ज्ञान द्वारा ही

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पितृ पक्ष

पितृपक्ष, जिसे हिंदू धर्मशास्त्र में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है, पूर्वजों के प्रति श्रद्धा, कृतज्ञता, और आत्मिक उत्तरदायित्व का समय है। इसकी आध्यात्मिक अवधारणा में गहन धार्मिक, दार्शनिक और सांस्कृतिक तत्त्व निहित हैं, जो मानव अस्तित्व और परलोक के संबंधों पर विचार करते हैं। पितृपक्ष की अवधारणा को समझने के लिए इसे तीन प्रमुख तात्त्विक

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इंग्लैंड की रामायण

इंग्लैंड की रामायण –हरि अनंत हरि कथा अनंता फादर कामिल बुलके ने आपने शोध प्रबंध हेतु 300 रामायणों का संग्रह व अध्ययन किया था । भारत के अतिरिक्त जापान , इंडोनेशिया, श्रीलंका, कंबोडिया, ईरान, लाओस,थाईलैंड, रूस, तुर्कमेनिस्तान आदि में भी प्राचीन रामायण पाई जाती हैं । ग्रीक एवं रोमन पुराण कथाओं में रामकथा से मिलते

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अयोध्या : बाहर और अंदर

एक अयोध्या बाहर है जहां भगवान श्री राम की जन्म भूमि है और एक अयोध्या नगरी हमारा आपका यह शरीर भी है जिसमें आत्मा के अंदर परमात्मा भी विद्यमान है। बाहर की अयोध्या तो प्रतीक मात्र है अंदर की अयोध्या का – अष्टचक्रा नवद्वारा देवानां पूरयोध्या |तस्यां हिरण्ययः कोषः स्वर्गो ज्योतिषावृतः।। [अथर्ववेद 10/02/31 ] अष्टचक्रा

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माइंडफुलनेस

Mindfulness (माइंडफुलनेस) क्या है? माइंडफुलनेस (Mindfulness) का अर्थ है पूर्ण जागरूकता और वर्तमान क्षण में पूरी तरह उपस्थित रहना। यह एक मानसिक अवस्था है, जिसमें हम बिना किसी जजमेंट के अपने विचारों, भावनाओं और शरीर की अनुभूतियों को पूरी तरह से स्वीकार करते हैं। यह बौद्ध ध्यान (Meditation) से प्रेरित एक प्राचीन भारतीय तकनीक है,

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सभ्यताओं के टकराव (Clash of Civilizations)

सैमुअल हंटिंगटन एक प्रसिद्ध अमेरिकी राजनीति विज्ञानी (Political Scientist) और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर थे, जो अंतरराष्ट्रीय संबंधों, लोकतंत्र, सैन्य नीति और सभ्यताओं के टकराव (Clash of Civilizations) पर अपने सिद्धांतों के लिए प्रसिद्ध हैं। “The Clash of Civilizations and the Remaking of World Order” (1996) में सैमुअल हंटिंगटन ने तर्क दिया कि शीत युद्ध

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“द सबटल आर्ट ऑफ़ नॉट गिविंग ए फ*क”

“द सबटल आर्ट ऑफ़ नॉट गिविंग ए फ*क” – मार्क मैनसन यह किताब हमें यह सिखाती है कि हमें अपनी ऊर्जा और ध्यान केवल उन्हीं चीजों पर लगाना चाहिए जो हमारे लिए सच में मायने रखती हैं। लेखक का तर्क है कि हम हर चीज़ की चिंता नहीं कर सकते और न ही हमें करनी

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बुलशिट जाब्स

“Bullshit Jobs” – David Graeber (डेविड ग्रैबर) पुस्तक परिचय:डेविड ग्रैबर की “Bullshit Jobs” एक समाजशास्त्रीय पुस्तक है, जो इस विचार को प्रस्तुत करती है कि आधुनिक समाज में कई नौकरियाँ पूरी तरह व्यर्थ हैं। लेखक तर्क देते हैं कि पूँजीवाद और नौकरशाही ने ऐसे काम पैदा कर दिए हैं, जो उत्पादकता में कोई योगदान नहीं

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