Ashok Tiwari

“द सबटल आर्ट ऑफ़ नॉट गिविंग ए फ*क”

“द सबटल आर्ट ऑफ़ नॉट गिविंग ए फ*क” – मार्क मैनसन यह किताब हमें यह सिखाती है कि हमें अपनी ऊर्जा और ध्यान केवल उन्हीं चीजों पर लगाना चाहिए जो हमारे लिए सच में मायने रखती हैं। लेखक का तर्क है कि हम हर चीज़ की चिंता नहीं कर सकते और न ही हमें करनी […]

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बुलशिट जाब्स

“Bullshit Jobs” – David Graeber (डेविड ग्रैबर) पुस्तक परिचय:डेविड ग्रैबर की “Bullshit Jobs” एक समाजशास्त्रीय पुस्तक है, जो इस विचार को प्रस्तुत करती है कि आधुनिक समाज में कई नौकरियाँ पूरी तरह व्यर्थ हैं। लेखक तर्क देते हैं कि पूँजीवाद और नौकरशाही ने ऐसे काम पैदा कर दिए हैं, जो उत्पादकता में कोई योगदान नहीं

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चेतना कैसे उत्पन्न होती है ?

चेतना (consciousness) का उत्पन्न होना विज्ञान के सबसे बड़े अनसुलझे सवालों में से एक है, जिसे “हार्ड प्रॉब्लम ऑफ कॉन्शसनेस” कहा जाता है। वैज्ञानिक अभी तक यह पूरी तरह समझ नहीं पाए कि मस्तिष्क की भौतिक प्रक्रियाएं—न्यूरॉन्स, रसायन, और विद्युत संकेत—कैसे विचारों, भावनाओं, और आत्म-बोध जैसे अनुभवों को जन्म देती हैं। चलिए इसे चरणबद्ध तरीके

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“शि” तथा “व” ध्वनियाँ

संस्कृत में ध्वनियों का गूढ़ विज्ञान है, और “शि” तथा “व” ध्वनियाँ विशेष रूप से महत्वपूर्ण मानी जाती हैं। ये ध्वनियाँ न केवल आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि ब्रह्मांडीय ऊर्जा और शिव-तत्त्व से भी इनका गहरा संबंध है। “शि” ध्वनि ज्योति (प्रकाश), ज्ञान और चेतना का प्रतीक है।यह शिव के निर्गुण रूप का प्रतिनिधित्व

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नीरा आर्या

नीरा आर्या भारत की महान स्वतंत्रता सेनानी थीं, जो आज़ाद हिंद फौज की पहली महिला गुप्तचर (जासूस) थीं। उनका जन्म 5 मार्च 1902 को हैदराबाद, तेलंगाना में हुआ था। उनके पिता सेठ चुन्नीलाल बड़े व्यवसायी थे। नीरा जी की शादी ब्रिटिश सरकार के वफादार एक पुलिस इंस्पेक्टर श्रीनिवास आर्या से हुई थी। स्वतंत्रता संग्राम में

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होमो डेयस

“Homo Deus” पुस्तक का सारांश (Yuval Noah Harari) “Homo Deus” युवाल नोआ हरारी की एक चर्चित पुस्तक है, जो मानव सभ्यता के भविष्य और उसके संभावित विकास के बारे में चर्चा करती है। यह उनकी पहली पुस्तक “Sapiens” का अगला भाग है। जहाँ Sapiens ने इतिहास में मानव विकास पर ध्यान केंद्रित किया, वहीं Homo

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संविद, संघिनि और लाघिनि शक्ति

भगवान श्रीकृष्ण की तीन प्रमुख आंतरिक शक्तियाँ (अंतःकरण शक्तियाँ) मानी जाती हैं, जिनके द्वारा ब्रह्मांड की सृष्टि, स्थिति और संहार होता है। संविद शक्ति ज्ञान और चेतना की शक्ति है, जिससे ब्रह्म को अपनी सत्ता और सृष्टि का बोध होता है। यह भगवान की दिव्य ज्ञान-शक्ति है, जिसके कारण वे स्वयं को और अपनी सृष्टि

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रोजगारशून्य आर्थिक विकास

रोजगारशून्य आर्थिक विकास :राष्ट्रीय आय की वृद्धि का आम लोगों की बेहतरी में न बदलने का एक प्रमुख कारण है कि यह रोजगार रहित वृद्धि है। नए रोजगार कम पैदा हो रहे हैं और पुराने रोजगार तथा आजीविका के पारंपरिक स्त्रोत ज्यादा नष्ट हो रहे हैं। कम्प्यूटर-इंटरनेट के नए रोजगारों की संख्या बहुत सीमित है

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हमारे अन्नदाता

1990 के दशक से भारत में किसानों की आत्महत्या के मामले सुर्खियां बटोरते रहे हैं. पहले-पहल महाराष्ट्र में बड़े पैमाने पर किसानों की आत्महत्या की घटनाएं सामने आईं और उसके बाद देश के दूसरे राज्यों में भी किसानों की आत्महत्या देखने को मिलीं. आधिकारिक तौर पर वर्ष 1995 से अब तक 2,70,000 किसानों ने आत्महत्या

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ज़िंदगी बहुत छोटी है कि किसी से द्वेष रखा जाए

ज़िंदगी बहुत छोटी है कि किसी से द्वेष रखा जाए यह जुलाई 2005 की उमस भरी शाम थी, जब मैं एक जानलेवा दुर्घटना का शिकार हुआ। मेरी मारुति कार को गलत दिशा से तेज़ रफ़्तार में आ रही एक कार और एक बस ने टक्कर मार दी। गाड़ी को देखकर कोई नहीं कह सकता था

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